क्यों सबसे अलग राजनेता हैं जस्टिन ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो जो कि कनाडा के भूतपूर्व प्रधानमंत्री पियर ट्रुडो के पुत्र हैं और वर्तमान में स्वयं कनाडा के प्रधानमंत्री हैं.

जस्टिन ट्रूडो इस वर्ष 2020 में तब वैश्विक चर्चा में आये जब उनकी पत्नी को covid-19 हुआ था और उन्होंने भी खुद को आइसोलेट किया था. जस्टिन ट्रूडो काफी भावुक व्यक्ति माने जाते हैं. अपनी सरकार बनने के 6 माह के भीतर ही उन्होंने ऐतिहासिक अन्यायों के लिए पीड़ितों के वंश से माफ़ी माँगी थी. कनाडा जैसे विशाल देश के राष्ट्रप्रमुख का इस तरह माफ़ी माँगना कुछ लोगों को जँचा नहीं और कुछ ने उनके इस दरियादिल व्यवहार को सराहा.
क्यों है जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर चर्चा में-
कनाडा क्षेत्रफल के आधार पर विश्व में दूसरा सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या के आधार पर 39वां सबसे बड़ा देश है. कनाडा दक्षिण और उत्तर-पश्चिम में संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी महाशक्ति के भू-भाग से घिरा है. कनाडा एक लोकतान्त्रिक पद्धतियों से काम करने वाला देश है.
संयुक्त राज्य अमेरिका में इन दिनों नस्लभेद – रंगभेद के खिलाफ एक आन्दोलन बड़े पैमाने पर चल रहा है. जॉर्ज फ्लॉयड नामक एक अश्वेत नागरिक की मौत के बाद लोगों में रोष है और अमेरिका के कई राज्यों में बहुत नुकसान हुआ है. इस आन्दोलन को इक्कीसवीं सदी का सबसे बड़ा नस्लभेद विरोधी आन्दोलन माना जा रहा है.

अमेरिका के इतना निकट और अमेरिका की ही भांति मानव भौगोलिक स्थितियाँ होने के कारण कनाडा में भी इस आग की लपट न आती, संभव ही नहीं था. दुनियाभर में पुलिस की बर्बरता और नस्लों के भेदभाव के विरोध में आवाजें उठ रहीं है और इस वैश्विक आन्दोलन को #BlackLivesMatters और #IcantBreathe जैसे नाम मिले हैं.
कनाडा के शहर ओट्टावा में 6 जून 2020 को ऐसा ही एक प्रदर्शन आम नागरिकों द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें सैंकड़ों, हजारों की संख्या में कनाडाई नागरिकों ने भाग लिया. इसमें अचानक से आकर कनाडाई प्रधानमंत्री ने सभी प्रदर्शनकारियों को चौंका दिया था. जस्टिन ट्रूडो ने बाद में अपने घुटनों पर बैठकर, प्रदर्शनकारियों की बातों में हामी भरी और तालियाँ बजाई. कनाडाई प्रधानमन्त्री ने इस वैश्विक आन्दोलन में अपनी सहमति दर्ज करवाई.
Canada’s Prime Minister Justin Trudeau took a knee while attending a demonstration on Parliament Hill that was organized to protest racial injustice and police brutalitypic.twitter.com/clnSSIrjUb
— Alfons López Tena (@alfonslopeztena) June 5, 2020
जस्टिन ट्रूडो की इस प्रतिक्रिया के बाद लोग अलग-अलग भावनाएं प्रकट कर रहे हैं. कई लोग इस प्रतिक्रिया को एक स्वच्छ लोकतंत्र के समर्थन के रूप में देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे पुलिस की बर्बरता के आगे घुटने टेकने से जोड़ रहे हैं. इसके पीछे जस्टिन ट्रूडो की क्या सोच रही होगी इस बारे में अधिक जानकारी अभी नहीं है लेकिन अमेरिकी प्रधानमंत्री द्वारा लगातार उकसावे और बिना सहानुभूति के सन्देश प्रसारित होने के बाद जस्टिन ट्रूडो के इस कदम को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है.

डोनाल्ड ट्रम्प लगातार कड़वी भाषा में प्रदर्शनकारियों के विरोध में ट्वीट कर रहे हैं और इसलिए उनके ट्वीट्स को ट्विटर भी फ्लैग कर रहा है व एक अमेरिकी पुलिस अधिकारी ने उन्हें माकूल जवाब भी दिया था. ऐसी स्थिति में जस्टिन ट्रूडो का नस्लभेद विरोधी प्रदर्शनों में आना एक राहत की खबर है क्योंकि कनाडा में हालिया दिनों में फर्स्ट कंट्री (कनाडा के मूलनिवासियों को परिभाषित किया जाने वाला नाम) की एक महिला को पुलिस द्वारा मार दिया गया था..
लेकिन जस्टिन ट्रूडो का इतिहास नस्लभेद के साथ भी जुड़ा है….
जस्टिन ट्रूडो और नस्लभेद की तस्वीरें –
जस्टिन ट्रूडो का इतिहास भी नस्लभेद से जुड़ा रहा है, वर्ष 2019 में उनकी कुछ विडियो और तस्वीरें सामने आई थी जिनमें वो अपने शरीर को काले रंग में पुताये हुए दिख रहे थे.

ये तस्वीरें और विडियो अलग-अलग मौकों के हैं जिनमें से पहली तस्वीर साल 2011 की है जब वो क़रीब 29 साल के रहे होंगे और वो वैंकुवर के एक स्कूल में पढ़ाते थे. दूसरी तस्वीर एक टैलेंट शो के दौरान के एक परफ़ॉर्मेंस की है. तीसरा एक वीडियो है जो साल 1990 के दौरान का है. इन तस्वीरों को लेकर कनाडा की राजनीति में तगड़ा बवाल मचा था. जस्टिन ट्रूडो के पिता कनाडा के प्रधानमंत्री रहें हैं और ऐसे में जस्टिन ट्रूडो की ऐसी तस्वीरें आना उनके कार्यकाल पर भी संदेह पैदा करने वाला था.
लेकिन जस्टिन ट्रूडो ने धैर्य से काम लेते हुए अपनी गलतियों को स्वीकारा और कहा कि ये मेरे बीते दिनों की बात है जब मैं किसी विषय पर मंथन नहीं किया करता था. जस्टिन ट्रूडो ने कई प्रेस कांफ्रेस की और देश के सामने माफ़ी माँगी. अधिकाँश कनाडाई नागरिकों ने इसे नज़रअंदाज कर दिया लेकिन मीडिया हाउसेज ने लगातार जवाबदेही माँगी और विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को भुनाना चाहा.
जस्टिन ट्रूडो भावनात्मक रूप से काफी सहज और समझदार इंसान है वे आजकल के बहुत से राजनेताओं की भांति सत्ता के घमंड में नहीं रहते. जहाँ उन्हें लगता है कि गलत हुआ है और सत्ता ज़िम्मेदार है वहाँ वो बिना सोच विचार किये अपनी जवाबदेही देते हैं और माफ़ी मांग लेते हैं. उन्होंने अपनी माफियों से विल्ली ब्रांट को ताज़ा कर दिया है.
जस्टिन ट्रूडो का भावनात्मक पक्ष-
ट्रूडो कुशल राजनेता हैं और हर प्रकार के विषयों के बारे में अपनी उन्मुक्त राय रखते हैं. जस्टिन ट्रूडो ने वैश्विक परिदृश्य में अपनी छवि काफी सहनशील नेता के रूप में बनायी है. भारत यात्रा के वक़्त भी उन्हें काफी नकारात्मकता से गुजरना पडा था लेकिन उन्होंने भारत के रव्वैये पर कोई टिप्पणी नहीं दी.
जस्टिन ट्रूडो ने काफी घटनाओं के लिए माफियाँ माँगी है. उनके द्वारा माँगी गयी ये सार्वजनिक माफियाँ बेहद सरल और सहज है, उन पर प्रश्न लगाना ही गलत प्रतीत होता है.
जस्टिन ट्रूडो और माफियों का इतिहास-
अपने चुनाव के मात्र 6 महीनो के अन्दर ही जस्टिन ट्रूडो पार्लियामेंट में खड़े होकर माफ़ी मांगते हैं, सत्ता के अंतिम वर्षों में इसे चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है लेकिन केवल 6 माह के भीतर?

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के इतिहास से जुडी एक घटना के लिए माफ़ी माँगी. 1914 में कामागाटामारू जहाज को तब के कनाडाई कानूनों के कारण वैंकोवर में उतरने की आज्ञा नहीं मिली थी.
उस घटना के लिए जस्टिन ट्रूडो ने 2015 में सभी सिखों, मुसलमानों और हिन्दुओं से माफ़ी मांगी जो उस जहाज में सफ़र कर रहे थे. इतिहास का पछतावा करना और माफ़ी माँगना अपने आप में बहुत बड़ा है और जस्टिन ट्रूडो ने खुद को विश्व परिप्रेक्ष्य में बड़े दिल का नेता साबित किया था.
इसके अलावा भी जस्टिन ट्रूडो कई बार सार्वजनिक माफ़ी मांग चुके हैं जिनमें अपने देश के मूलनिवासी समुदायों से इतिहास में बरती गयी क्रूरता के लिए, समलैंगिक समुदायों के लिए और भी कई घटनाओं पर उन्होंने जिम्मेदारी ली. कनाडाई प्रधानमंत्री अपने पिता की विचारधारा से थोड़े अलग हैं. डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उन्हें कई बार गलत शब्द कहे गए हैं.

कनाडाई पीएम काफी भावुक हैं कई मौकों पर उनके आँसू निकल पड़ते हैं. 2016 में ऑस्च्वित्ज़ में अपनी विजिट के दौरान, एक मस्जिद में हुए नरसंहार के बाद, कैनेडियन संगीतकार गोर्ड की मृत्यु के बाद वे सार्वजनिक इंटरव्यूज में रोते दिखे थे. जस्टिन ट्रूडो काफी कोमल ह्रदय के हैं, हिंसा और नफरत से कोसों दूर हैं.
जस्टिन ट्रूडो आजकल के द्वेषपूर्ण राजनेताओं की छवि से अलग हैं, कनाडा जैसे विशाल देश के प्रशासन को सम्हालने के लिए बुद्धि और धैर्य दोनों की आवश्यकता है वे अपनी सूझबूझ और भावुकता से भलीभांति यह काम कर रहे हैं. कनाडा के प्रशासन का सर्वोच्च एक जवाबदेह इंसान है इससे ज्यादा लोकतंत्र क्या चाहता है?